Wednesday, April 19, 2023

शाम की बात

 

कभी कल की संभावनाएं दिशा देती हैं

तो कभी,

बस आज की मदहोशी पनाह देती है 


कभी पनाह ही काफी लगती हैं 

और कभी,

जिंदगी आगे ढकेलना चाहती है


जीते रहना है मुझे गर,

तो समझना है बस की,

आज शाम यह क्या कहती है ।  


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