मेरा हाथ खोजे तुम्हें,
अचानक
कहाँ तुम चले गए,
अभी
तो बैठे थे यहीं, इत्मीनान से,
ऐसे
ही बैठे बैठे, कहाँ निकाल गए?
दर्द
है तुम्हारे ना होने का,
शायद
बेहतर हो अभी, ये उम्मीद भी,
शांत
और सहज थे तुम हमेशा,
शुक्रिया
मेरा साथ चुनने का।
ना देख
सके तेरा दर्द हम,
तुम्हारा
चस्का जो लग गया था,
इन नाम
आँखों से दें विदाई हम,
जाने,
कि तू फिर, रूप बदल के आएगा।
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