तू पूछे -
और अब क्या बचा है?
लगता सब कुछ झोंक दिया है,
पर नये किरदार और मोड ये क्या हैं?
अभी कितना और चलना है?
ऐ बालक -
यह बड़ी बेहुदा व्यथा है,
पर इसी में जीवन छुपा है,
जब ये सवाल आता है,
तो
समझ कुछ अभी भी बचा है।
तेरी
मोह और आदतों के घेरों में,
अंधेरे
कोनों में,
थोड़ा
डर अभी भी पनप रहा है,
तेरा जीवन
यही तो कथा है,
अब इसे
भी झोंकना है।