जब लिखने से भागता हूँ तो संगीत पनह देता है,
और जब संगीत में बेहता हूँ तो लिखा हुआ दिशा देता है ।
इन्हीं सुरीले शब्दों पर कुछ लिखने की कोशिश -
सुरों से जुड़े हैं शब्दों के तार,
डूबें जितना खुद में, उतना ही आता उस पर प्यार,
है उस प्यार के ही ये पैगाम सब,
किताबों और कहानियों के बने किरदार हम।
कोशिश है हमारी की ज़ाया ना जाए,
इस विचार का हर अंश काम आए,
बुनते रहते हैं इन विचारों के जाल को,
कमबख्त, किसको पड़ी दुनिया की,
जब खुद में महाकाल हो । । ।
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