Wednesday, July 24, 2024

तू देखता जा!

मेरी हार को मेरी पहचान मत बना - 

मैं जीतूँगा, बस तू देखता जा !


जंग जब खुद की खुद से हो,

थोडा वक़्त जरूर लगेगा,

अच्छे से समझने को - 


क्यूंकि है जंग नहीं पर प्रेम मिलाप ये,

जिसमें जीवन की संभावनाएं खुद के अतीत से मिलें,

मिलन ये ऐसा की इसी में कई कहानियां गढ़ें-


है नायक या खलनायक, इसकी मत कर तू चिंता,

क्यूंकि क्या हार है क्या जीत, ये तो समय ही बताएगा,

अभी इन कहानियों का अंत न हुआ - 


इसीलिए, मेरी हार को मेरी पहचान मत बना,

मैं जीतूँगा, 

बस, तू देखता जा -


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