Saturday, March 9, 2024

कथा

 

तू पूछे -

और अब क्या बचा है?

लगता सब कुछ झोंक दिया है,

पर नये किरदार और मोड ये क्या हैं?

अभी कितना और चलना है?

 

ऐ बालक -

यह बड़ी बेहुदा व्यथा है,

पर इसी में जीवन छुपा है,

जब ये सवाल आता है,

तो समझ कुछ अभी भी बचा है।

 

तेरी मोह और आदतों के घेरों में,

अंधेरे कोनों में,

थोड़ा डर अभी भी पनप रहा है,

तेरा जीवन यही तो कथा है,

अब इसे भी झोंकना है। 

काश


काश मैं काम से एक दिन चुरा,

आपको सप्राइज़ कर,

आपके भरवा टमाटर और पराँठे खा पाता ।।।


काश, मैं बचपन से अब तक,

थोड़ा और अच्छे से आपको गले लगा पाता,

काश, मैं आपके जिंदगी भर के कष्ट को,

खुद में समा पाता।  

 

काश,

     मैं आपके साथ थोड़ा और समय बिता पाता ।

 

काश, मैं एक बार फिर,

आपके माथे को चूम पाता,

रख कर अपना हाथ आपके सर पर,

काश आपके प्यार का कुछ अंश चुका पाता ।।।

 

काश आप होती यहाँ मुझे बताने कि आगे क्या करना है,

काश मैं कितना अकेला महसूस कर रहा हूँ,

यह आपको बता पाता।

 

काश,

    मैं आपके साथ थोड़ा और समय बिता पाता ।

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