Sunday, February 20, 2022

आशीर्वाद

यह परीक्षा है या है और कोई बात,
समय जाते ही कुछ रहता नहीं याद,
सिर्फ बदन का दर्द और मन की थकान,
करती है दिन की कहानी बयाँ !
 
याद आती है आपकी चेतावनी,
साधक के रास्ते हैं तुफान कई,
कचरे के मोल हैं यह मेरे सूखे आसूं,
मेरे अस्तित्व को मिटा दे मेरे गुरु !
 
मत कर मेरी चिंता, न रख कोई बंधन,
कर दे उपयोग तू सभी तेरे साधन,
इस नासमझ को बस कर दे तू आबाद,
हर चोट इस अहम पर है तेरा आशीर्वाद !

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